आदिशक्ति माँ भुवनेश्वरी
या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।
जगह
पवित्र माँ आदिशक्ति भुवनेश्वरी देवी पीठ, उत्तर भारत के उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल क्षेत्र में स्थित, बिलखेत नामक शांत गाँव में स्थित है । हिमालय की राजसी तलहटी और शांत वनों से घिरा यह पीठ, हिमालय में दिव्य स्त्री शक्ति का प्रतीक है। राज्य: उत्तराखंड जिला: पौड़ी गढ़वाल निकटतम शहर: सतपुली (लगभग 10 किमी) निकटतम रेलवे स्टेशन: कोटद्वार (लगभग 65 किमी)
ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व
मां आदिशक्ति भुवनेश्वरी, मां ज्वालपा, मां बाल सुन्दरी, मां बालकुंवारी और मां राजराजेश्वरी अपनी यात्रा के दौरान नजीबाबाद पहुंची।
नजीबाबाद उस समय बड़ी मंडी हुआ करती थी और सम्पूर्ण गढ़वाल क्षेत्र के लोग अपनी आवश्यकताओं के सामान के लिये वहीं आया करते थे।
पौड़ी जनपद के मनियारस्यूं पट्टी, ग्राम सैनार के नेगी बन्धु भी नजीबाबाद सामान लेने आये हुए थे।
थकावट के कारण मां भुवनेश्वरी मातृलिंग के रूप में एक नमक की बोरी में प्रविष्ट हो गईं।
अपना-अपना सामान लेकर नेगी बन्धु वापसी में कोटद्वार–दुगड्डा होते हुए ग्राम सांगुड़ा पहुंचे।
सांगुड़ा में श्री भवान सिंह नेगी जी ने देखा कि उनकी नमक की बोरी में एक पिण्डी है, जिसे उन्होंने पत्थर समझकर फेंक दिया।
रात्रि में मां भुवनेश्वरी ने श्री नेगी को स्वप्न में दर्शन दिए और आदेश दिया कि मां के मातृलिंग को सांगुड़ा में स्थापित किया जाए।
नैथाना ग्राम के श्री नेत्रमणि नैथानी को भी मां ने यही आदेश दिया।
तत्पश्चात विधि-विधानपूर्वक मन्त्रोच्चार सहित मां की पिण्डी की स्थापना सांगुड़ा में की गई।
आध्यात्मिक अभ्यास और उत्सव
पीठ में अनुष्ठानों , वैदिक पूजा और स्थानीय हिमालयी रीति-रिवाजों का मिश्रण है । यहाँ श्री चक्र भी प्रतिष्ठित है और नियमित रूप से इसकी पूजा की जाती है। यह उन साधकों के लिए एक अत्यंत सक्रिय स्थल है जो गहन जप, ध्यान और यज्ञ के लिए आते हैं ।
